कोरोना के चलते मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्रवाई को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद पहले बस से कांग्रेस विधायक और फिर भाजपा के विधायक विधानसभा से बाहर निकले हैं। शिवराज सिंह भाजपा विधायकों के साथ ही बस में बैठकर बाहर निकले। विधानसभा से बाहर निकलते वक्त भी कांग्रेस विधायकों ने मीडिया कैमरों को देखकर विक्ट्री साइन बनाया है। विधानसभा जाते वक्त भी कांग्रेस विधायकों ने बस से ही विक्ट्री साइन बनाया था। कांग्रेस विधायकों के जाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ भी विधानसभा से सीएम आवास के लिए निकल गए।
10.30 बजे से विधायकों का पहुंचना शुरू हुआ
इससे पहले सुबह करीब 10.30 बजे से विधायकों का विधानसभा पहुंचना शुरू हुआ। पहले कांग्रेस मैरियट होटल से कांग्रेस के करीब 85 विधायक दो बसों से पहुंचे। बसों को सामान्य चेकिंग के बाद गेट नंबर एक से अंदर गए। वहीं, इसके कुछ देर बार ही होटल आमेर ग्रीन से करीब 100 भाजपा दो बसों में विधानसभा पहुंचे। एक बस में नरोत्तम मिश्रा बैठे थे और दूसरी में शिवराज सिंह बैठे थे। इसके पहले दिग्विजय सिंह भी कुछ अन्य समर्थकों के साथ विधानसभा पहुंचे।
कैमरे देखते ही सभी ने दिखाया विक्ट्री साइन
विधानसभा के गेट नंबर-एक के बाहर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद रहे हैं। खास बात यह रही कि कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही विधायकों ने कैमरों को देखकर विक्ट्री का साइन दिखाया। शिवराज ने भी बस में बैठे-बैठे ही मुस्कुरा कर मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया और फिर विक्ट्री साइन दिखाया।
11 बजे राज्यपाल विधानसभा पहुंचे, 11.30 पर फिर निकल गए
करीब 11 बजे राज्यपाल भी विधानसभा पहुंचे। करीब 30 मिनट बाद यानी 11.30 बजे राज्यपाल का काफिला वापस विधानसभा से बाहर निकल गया। राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा में अभिभाषण पढ़ा। उन्होंने करीब एक मिनट का अभिभाषण पढ़ा। इसके बाद कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
आरिफ मसूद के साथ विधानसभा से बाहर आए भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के साथ विधानसभा से बाहर निकले। विधानसभा स्थगित करने के बारे में उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा स्पीकर को धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरी मां का देहांत हो गया है। मैं अभी राजनीति के बारे में नहीं सोच रहा हूं। विधायक आरिफ मसूद अकील के साथ विधानसभा के साथ ही निकल गए।
सिंधिया समर्थक विधायक बेंगलुरु में
सिंधिया गुट के 22 विधायक विधानसभा की कार्रवाई के लिए नहीं पहुंचे हैं। इनमें से 6 मंत्री है, जिनका इस्तीफा स्वीकार हो चुका है। विधानसभा के बाहर सभी मीडिया की निगाह इन विधायकों पर थी। हालांकि, बाद में पता चला कि वह सभी विधायक अभी बेंगलुरु में ही हैं।
सरकारी दफ्तरों पर भी सियासी उठापटक का असर
विधानसभा के बाहर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। यहां धारा-144 लागू कर दी गई थी। करीब 500 पुलिस वाले लगे हुए हैं। विधानसभा के पास स्थित सरकारी दफ्तरों में ही प्रदेश की सियासी उठापटक का असर नजर आ रहा है। चाय से लेकर पान की हर दुकान पर सरकारी अफसर से लेकर कर्मचारी तक सरकार बदलने को लेकर अपने-अपने दावे करने में व्यस्त रहे। सभी जगह एक ही चर्चा रही कि सरकार किसकी रहेगी और किसकी नहीं? उधर, बल्लभ भवन यानी मंत्रालय की नई और पुरानी बिल्डिंग दोनों में ही सन्नाटा पसरा हुआ है।