मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने बगावत के संकेत दिए हैं। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। वह कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के साथ विधानसभा से कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे। करीब 30 मिनट की मुलाकात के बाद बाहर आए त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के सिलसिले में सीएम से मुलाकात की। उनसे मैहर को जिला बनाने की मांग की है। जब उनसे पूछा गया कि वह कमलनाथ के साथ हैं या भाजपा के साथ तो उन्होंने कहा कि वह सिर्फ विकास के साथ हैं।
वहीं, जब त्रिपाठी से पूछा गया कि कमलनाथ सरकार रहेगी या बचेगी ये अभी तय नहीं है? इस वक्त सीएम से विकास की कैसी बात। इस पर उन्होंने कहा, 'अभी तो सरकार है न। जब नहीं होगी तो देखा जाएगा।' 26 मार्च तक विधानसभा का सत्र स्थगित होने के बाद त्रिपाठी आरिफ मसूद के साथ ही बाहर निकले थे और उन्हीं के साथ कार में बैठकर सीएम हाउस पहुंचे थे।
मैं अभी राजनीति के बारे में नहीं सोच रहा हूं: त्रिपाठी
विधानसभा के बाहर दैनिक भास्कर से बातचीत में नारायण त्रिपाठी ने विधानसभा स्पीकर को सदन स्थगित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- मेरी मां का देहांत हो गया है। मैं अभी राजनीति के बारे में नहीं सोच रहा हूं। कांग्रेस विधायक के साथ विधानसभा से बाहर आने के सवाल पर उन्होंने कहा- मैं यहां आता हूं तो सबसे मिलता हूं। मुझे लगेगा कि जो मेरे क्षेत्र के विकास के लिए काम करेगा। मैं उसके साथ ही जाऊंगा।
न भाजपा विधायकों के साथ आए, न साथ गए
जहां भाजपा के सभी विधायक दो बसों में होटल आमेर ग्रीन से विधानसभा पहुंचे। भाजपा विधायकों के साथ शिवराज सिंह और नरोत्तम मिश्रा भी थे। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सभी भाजपा विधायक सीधे राज्यपाल आवास पर गए। वहीं, दूसरी तरफ नारायण त्रिपाठी न भाजपा विधायकों के साथ आए और न ही भाजपा विधायकों के साथ गए। हालांकि, भाजपा ने राज्यपाल को जो 106 विधायकों की सूची सौंपी है उसमें नारायण त्रिपाठी का नाम भी शामिल है।
क्या यह कांग्रेस की सेंधमारी?
सियासी हल्के में नारायण त्रिपाठी के पाला बदलने की चर्चाएं हो रही हैं। त्रिपाठी पहले सपा में थे, फिर कांग्रेस में आए और अब वह भाजपा में है। बता दें कि नारायण त्रिपाठी वही विधायक हैं, जिन्होंने शरद कोल के साथ मिलकर मानसून सत्र के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी। कांग्रेस ने इन्हीं 2 विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया था। त्रिपाठी ने कुछ दिन पहले सीएम हाउस पहुंचकर कमलनाथ से मुलाकात की थी। बाहर निकलकर कहा था- मैं अपने क्षेत्र के विकास के लिए बात करने आया हूं। इस पूरे सियासी ड्रामे के दौरान त्रिपाठी को एक बार भी भाजपा नेताओं या विधायक दल के साथ नहीं देखा गया।