मध्य प्रदेश विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुबह से पूरे ऑपरेशन की बागड़ोर अपने हाथ में ले ली। वे होटल मैरियेट में ठहरे कांग्रेस विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह सुबह सीएम हाउस में मंत्रणा करने पहुंचे। कुछ समय बाद विवेक तन्खा पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री विधानसभा जाने के लिए निकले। मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरफ से बयान आया कि मैं भी चाहता हूं कि विधानसभा शांतिपूर्वक चले। सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है।
मुख्यमंत्री निवास के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। गेट के बाहर किसी को रुकने नहीं दिया जा रहा है। एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, हम लोग 24 घंटे से ड्यूटी पर हैं। सिर्फ खाना खाने के लिए गए थे। सीएम हाउस में सुबह से हलचल नहीं है। कुछ खाली गाड़ियां अंदर जरूर गई थीं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ मंत्री यहां रात से ही रुके हो सकते हैं।
अपडेट्स
- 9.55 AM: मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा जाने के लिए निकले।
- 9.30 AM: राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे।
- 8.00 AM: संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह सीएम हाउस पहुंचे।
- 9.55 AM: मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा जाने के लिए निकले।
- 12.15 AM: मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा से सीएम हाउस के लिए निकले।
इससे पहले रविवार को जयपुर से कांग्रेस के विधायक भोपाल पहुंचे। देर रात मानेसर में ठहरे भाजपा विधायक भी पहुंच गए। अभी कांग्रेस के बागी 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इधर, रविवार शाम विधानसभा की कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ किया है कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन पहले बेंगलुरु में बंधक विधायकों को रिहा किया जाए।
देर रात राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे मुख्यमंत्री
बताया जा रहा है कि कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं होने से राज्यपाल लालजी टंडन नाराज हैं। उन्होंने कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ को खत लिखा। इसमें विश्वास मत के दौरान हाथ उठाकर वोटिंग कराए जाने के लिए कहा। देर रात मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच मुलाकात भी हुई। सरकार सभी विधायकों को बुलाने पर अड़ी है।